रायपुर। प्रदेश में अवैध निर्माण को वैध कराने का एक और मौका मिलने वाला है। लेकिन इस बार इसके लिए 25% जगह पार्किंग के लिए होना जरूरी है। पिछली बार बिना किसी पार्किंग के भी अवैध निर्माण को वैध कर दिया गया था। मगर इस बार भाजपा सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। अब केवल उन्हीं लोगों के निर्माण को वैध किया जाएगा जिनके पास कुल निर्माण क्षेत्र का 25% हिस्सा पार्किंग के लिए खाली हो या जिसे खाली कराया जा सके।
पिछली बार थी ये समस्या
अधिकारियों का कहना है कि पिछली सरकार ने बिना पार्किंग वाले निर्माणों को भी वैध कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जुर्माने की रकम से पार्किंग की जगह बनाई जाएगी। लेकिन पांच साल में किसी भी जिले में पार्किंग के लिए जमीन नहीं खरीदी गई। अब जीरो पार्किंग की जगह 25% पार्किंग जरूरी की जा रही है।
कितने आवेदन आए थे?
कांग्रेस सरकार के समय रायपुर में 18,000 से ज्यादा लोगों ने अपने अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आवेदन दिया था। पूरे राज्य में यह संख्या औसतन 5,000 प्रति जिला थी। पिछली बार, जिन लोगों ने पार्किंग के लिए निर्धारित 100% जगह पर निर्माण किया था, उनसे प्रति कार 2 लाख रुपये जुर्माना लिया गया। इस प्रक्रिया से सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये की आय हुई। इन आवेदनों को मंजूरी देने के लिए हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। इस बार भी प्रक्रिया इसी तरह होगी।
पिछली बार वसूले गए पार्किंग शुल्क को नगर निगम को दिया जाएगा। इस राशि से उन स्थानों पर जमीन खरीदी जाएगी, जहां पार्किंग की जरूरत है। निगम अधिकारियों का कहना है कि फंड ट्रांसफर के बाद ही जमीन खरीद प्रक्रिया शुरू होगी।
आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि नई नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। जल्द ही संशोधन के बाद लोगों को अवैध निर्माण को वैध कराने का मौका मिलेगा। इस बार पार्किंग पर खास ध्यान दिया गया है।