नई दिल्ली। देश में मानसून पूरी तरह सक्रीय हो गया है। कई राज्यों में बारिश ने जान-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं बारिश का मौसम शुरू होते ही बिमारियों का प्रकोप भी शुरू हो जाता है। कोरोना के बाद अब देश के कई राज्यों में जीका वायरस का खतरा मंडराने लगा है। कर्नाटक के रायचूर में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है। पांच साल की एक बच्ची में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र के पुणे जिले में जीका वायरस के 05 नये मरीज मिलने से प्रशासन सतर्क हो गया है।इसके बाद से जीका वायरस को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
क्या है जीका वायरस?
यह मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है, जो जीका वायरस के कारण होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक फ्लेविवायरस परिवार से संबंधित यह वायरस एक मच्छर जनित यानी mosquito-borne पैथोजन है। जीका एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है, मच्छरों की यह प्रजाति डेंगू फैलाने के लिए भी जानी जाती है।
जीका वायरस के लक्षण
बात करें इसके लक्षणों की, तो जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में विभिन्न लक्षण नजर आते हैं। यह लक्षण कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं और आमतौर पर लोग इससे इतने बीमार नहीं पड़ते कि अस्पताल जाना पड़ें। एक बार संक्रमित होने पर आपको आगे होने वाले संक्रमणों से प्रतिरक्षा मिल सकती है। इसके मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
बुखार
दाने
सिरदर्द
जोड़ों का दर्द
लाल आंखें
मांसपेशियों में दर्द
जीका से बचाव
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, जीका की कोई वैक्सीन या कोई इलाज नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीका से संक्रमित होने के बाद पर्याप्त मात्रा में आराम और लगातार पानी पीते रहना बहुत जरूरी है। अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।
इससे संक्रमित होने पर लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूकता जरूरी है। अधिकांश लोगों में जीका एक हल्का संक्रमण है। इसमें सामान्य लक्षणों में बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, लाल आंखें और मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इन लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर्स दवा प्रिस्क्राइब करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि ली गई किसी भी दवा को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब जरूर होना चाहिए, आप अपनी मर्जी से कोई दवा न लें। इसके साथ ही भरपूर आराम, पानी और हल्का आहार भी ठीक होने में मदद करता है। डॉक्टर कई तरह की दवाओं से बचने की सलाह भी देते हैं।