Baramati: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार हाल ही में विदेश दौरे के बाद बारामती पहुंचे, जहां एक वोटर द्वारा अपनी समस्या बताने पर उन्होंने अपना आपा खो दिया. वोटर ने उनकी मदद की उम्मीद जताई, लेकिन पवार ने गुस्से में आकर कहा, “आपने मुझे वोट दिया है, इसका मतलब ये नहीं कि आप मेरे मालिक हैं. क्या आप मुझे अब खेतिहर मजदूर बना देंगे?” उनका यह बयान अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि चुनावों के दौरान जनता से किए गए वादे चुनाव के बाद कैसे निभाए जाते हैं, यह सवाल उठ रहा है
बारामती में आयोजित सभा में विभिन्न गांवों और तहसीलों के किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचे थे. किसानों को उम्मीद थी कि उप-मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं को सुनेंगे और समाधान के लिए कदम उठाएंगे, लेकिन पवार का यह आक्रामक रवैया सभी को हैरान कर गया. उनकी टिप्पणी ने माहौल को गंभीर बना दिया.
कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने दी सफाई
इस बयान के बाद, कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने पवार का बचाव करते हुए कहा कि कभी-कभी जनप्रतिनिधि को काम करते समय मतदाता अपनी जिद पर अड़ जाते हैं, और केवल जनप्रतिनिधि के बयानों को ही उछाला जाता है. वोटर्स के व्यवहार को कभी प्रकाश में नहीं लाया जाता. दूसरी तरफ विपक्षी दल लगातार, अजित पवार के इस बयान पर सवाल खड़ा करते नजर आ रहे हैं.
डिप्टी सीएम ने क्षेत्र के विकास पर क्या कहा?
विदेश दौरे से लौटने के बाद, पवार ने बारामती क्षेत्र का दौरा किया और नए विकास कार्यों का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बारामती का रियल एस्टेट बाजार बढ़ रहा है, लेकिन मुंबई और पुणे के बड़े डेवलपर्स अभी तक इसमें प्रवेश नहीं कर पाए हैं. साथ ही, पवार ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और सभी समस्याओं का समाधान किया जाए.