रायपुर : विवाह समारोहों में दिखावे के लिए बेहिसाब खर्चे को रोकने जैन संवेदना ट्रस्ट ने अनोखी पहल की है। ट्रस्ट ने जैन समाज के लिए आडंबर रहित विवाह उत्सव की गाइड लाइन तैयार की है। ट्रस्ट का दावा है कि इसे पूरे जैन समाज ने हाथों-हाथ लिया है।
जैन संवेदना ट्रस्ट के विजय चोपड़ा ने बताया कि समाज के मध्यम वर्ग को शादियों में होने वाले अत्यधिक खर्च को बचाने के लिए और उन्हें कर्जरहित जीवन यापन के उद्देश्य से सादगीपूर्ण विवाह उत्सव गाइड लाइन बनाई गई है। इसके अनुसार विवाह की सारी रस्में जैसे- माया स्थापना, हाथकाम, बीरा-मायरा, पलड़ा, संघपूजा, नकासी, पाणिग्रहण, स्वागत समारोह और विदाई आदि एक ही दिन में संपन्न करना होगा।
रात में नहीं होगा रिसेप्शन
गाइड लाइन के अनुसार जैन विवाह समारोह में स्वरूचि भोज में पानी सहित अधिकतम 31 व्यंजन रखे जा सकेंगे। रात में रिसेप्शन नहीं होगा। मेहंदी और लेडीज संगीत के कार्यक्रम घर के सदस्यों द्वारा होंगे। इसके लिए इवेंट टीम नहीं रखी जाएगी। वैवाहिक कार्यक्रम भी पुरानी सामाजिक व्यवस्था के अनुसार ही होंगे।
मेहमानों की संख्या सीमित
विवाह समारोहों में वर और वधु पक्ष के मेहमानों की संख्या सीमित की गई है। दोनों ओर से 100-100 रिश्तेदार हिस्सा ले सकेंगे। बारातियों की संख्या सीमित की गई है। बैठा ब्याह को प्रोत्साहित किया जाएगा। गाइड लाइन में प्री वेडिंग शूट पर प्रतिबंध लगाया गया है।
आमंत्रण ई-कार्ड से
विवाह पूर्व होने वाले बन्दोले भी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। दूल्हे की बंदौली भी दिन में निकाली जाएगी। इसमें बैंड-बाजे वालों की संख्या सीमित रहेगी। डीजे नहीं बजेगा। थांबा व बारातियों को उपहार भी नहीं दिए जाएंगे। लोगों को लग्न पत्रिका की बजाए ई-कार्ड से आमंत्रित किया जाएगा।
पूरे छत्तीसगढ़ में होंगी लागू
जैन संवेदना ट्रस्ट के विजय चोपड़ा ने बताया कि इस सादगीपूर्ण विवाह गाइड लाइन को सकल जैन समाज का भरपूर समर्थन मिल रहा है। फिलहाल में यह रायपुर शहर में लागू किया गया है। इसे जल्द ही पूरे छत्तीसगढ़ में विस्तारित किया जाएगा। जैन तीर्थ, नगपुरा में राज्यस्तरीय जैन समाज सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है।
लोगों के बीच चला रहे अभियान
जैन संवेदना ट्रस्ट के मार्गदर्शक व कार्यकर्ता द्वारा सादगीपूर्ण विवाह के लिए जैन समाज में जागरूकता अभियान चलाकर संकल्प पत्र भरवाया जा रहा है। 11 जोड़ों के सादगीपूर्ण विवाह आयोजित करने के लिए संस्था प्रयासरत है। इसके लिए जोन आधारित टीम बनाई गई है।