राजधानी के गणेश विनायक हॉस्पिटल में हुआ ये ऑपरेशन
रायपुर : राज्य में पहली बार एक कॉर्निया से दो मरीजों को रौशनी मिली। ये अपनी तरह का पहला ऐसा ऑपरेशन था जिसमे जिस जगह का कॉर्निया डैमेज हुआ था, केवल उस जगह को ट्रांसप्लांट किया गया। जानी मानी नेत्र सर्जन डॉ अमृता मुख़र्जी, डायरेक्टर , श्री गणेश विनायक ऑय हॉस्पिटल के कुशल नेतृत्व में ये ऑपरेशन सफलता पूर्वक किया गया।
बीजापुर , अन्नुपुर डिस्ट्रिक्ट , मध्य प्रदेश से आयी एक महिला का कॉर्निया का बाहरी सतह का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त थी और वहीँ बोलांगीर उड़ीसा से आयी महिला की कॉर्निया का अंदुरुनी सतह पूरी तरह से डैमेज था। स्तिथि का निरक्षण करने पर पता चला की यदि सही उपचार नहीं किया गया तो भविष्य में रौशनी जाने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। श्री गणेश विनायक ऑय हॉस्पिटल की कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ अमृता मुख़र्जी ने सब प्रकार की जाँच करके स्पष्ट कर दिया की एक कॉर्निया से अलग अलग हिस्से का ट्रांसप्लांट उन दोनों के आँखों की रौशनी बचा सकता है.
डॉ अमृता मुख़र्जी ने बताया की छोटे हिस्सों का ट्रांसप्लांट अधिक सुरक्षित है। कॉर्निया ट्रांसप्लांट करते समय कई टांके लगाने पड़ते हैं। जितने ज्यादा टांके सुरक्षा उतनी कम हो जाती है। छोटे हिस्सों का ट्रांसप्लांट होने पे टांके कम लगाने की जरुरत होती है।
कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक तरह की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे केरेटोप्लास्टी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में रोग ग्रस्त या क्षतिग्रस्त कॉर्निया को बदल दिया जाता है. कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक तरह की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे केरेटोप्लास्टी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में रोग ग्रस्त या क्षतिग्रस्त कॉर्निया को बदल दिया जाता है। किसी मृत व्यक्ति के आंखो से कॉर्निया लिया जा सकता है क्योंकि डोनर मरने से पहले अपनी आंखो को दान दे सकता है।
कॉर्निया एक सफ़ेद और गुबंद के आकर का बाहरी भाग होता है और इसमें तीन परत होती है। वातावरण में फैले धुल, मिटटी संक्रमण से बचाव करने कॉर्निया आंखो की मदद करता है। कॉर्निया आंखो की रौशनी को तेज करता है और हमें साफ चित्र दिखाता है। यदि किसी व्यक्ति की पूरी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो गयी है तो व्यक्ति सब धुंधला दिखाई देने लगता है। कुछ मामलो में व्यक्ति को अंधापन हो सकता .
जब आप सर्जरी के बाद घर लौट आते हैं, तो आपको अपनी आंख की अच्छी देखभाल करने की ज़रूरत होगी। याद रखने योग्य कुछ बातों में शामिल है-
• अपनी आंखों को ना रगड़ें।
• सर्जरी के बाद पहले कुछ हफ्तों के दौरान, ज़ोरदार व्यायाम और हैवी लिफ्टिंग से बचें
• अगर आपकी जॉब में शारीरिक तनाव शामिल नहीं है तो आप सर्जरी के दो से तीन हफ्तों बाद काम पर लौट सकते हैं।
• यदि आपकी नौकरी में शारीरिक श्रम शामिल है, तो आपको तीन से चार महीने तक इंतजार करना चाहिए।
• धुएं वाली या धूल वाली जगहों पर जाने से बचे क्योकि इससे आपकी आंखों में परेशानी हो सकती है।
• अगर आपकी आंखे प्रकाश के प्रति सेंसटिव हैं, तो मदद के लिए सनग्लासेज़ पहनें।
• संपर्क स्पोर्ट्स और तैराकी से बचें जब तक कि आपको ये स्पष्ट सलाह न दी जाए कि ये आपके लिए सुरक्षित है, और संपर्क खेल फिर से शुरू करते समय सुरक्षात्मक चश्मे पहनें।
• स्नान सामान्य रूप से करें लेकिन सावधान रहे अपनी आंख में कम से कम एक महीने तक पानी ना जाने दें।
• तब तक ड्राइव ना करें जब तक आपका स्पेशलिस्ट आपको ऐसा करने के लिए ना कह दे।
• आपकी आंखों को प्रोटेक्ट करने में मदद करने के लिए आपको सर्जरी के बाद पहले कुछ हफ्तों तक रात में पहनने के लिए आमतौर पर एक पैच दिया जाएगा।
• सभी प्रकार के कॉर्निया प्रत्यारोपण (cornea transplant ) के लिए, आपको स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक आई ड्राप रोज़ डालने की ज़रूरत होगी। ये आमतौर पर कुछ महीनों के लिए ज़रूरी होती है हालांकि कुछ लोगों को इन्हे एक साल से अधिक तक इस्तेमाल करने की ज़रूरत हो सकती है। ये ड्राप्स सूजन को कम करती हैं और संक्रमण औऱ रिजेक्शन को रोकती हैं