रायपुर : कांग्रेस विधायक वृहस्पत सिंह के आरोप पर टीएस सिंहदेव ने जवाब दिया है, टीएस सिंहदेव ने कहा कि बंदूक और मारने की भाषा हमें नहीं आती। इस बात को वही समझें। सिंहदेव ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ की गुणवत्ता के लिए व्यवस्था बनाई गई है, हमें प्रदेश की जनता की जान की फिक्र है। उनकी कीमत पर नियमों को शिथिल नहीं कर सकते। सिंह देव ने कहा कि कई जगह ऐसी ट्रेनिंग मिली की स्टाफ को इंजेक्शन देना नहीं आता, हमने खुद इंस्पेक्शन में यह देखा हुआ है, इससे लोगों की जान गई तो जिम्मेदार कौन होगा?
बता दें कि बीते दिन रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के नाम पत्र लिखकर प्रदेश में जारी नर्सिंग प्रवेश की पोल खोल दिया है। कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग में भर्राशाही चल रही है। इस कारण 2700 नर्सिंग सीटों पर प्रवेश नहीं हो पा रहे। इसके लिए उन्होंने विभागीय अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि बृहस्पति सिंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफी करीबी विधायक माने जाते हैं। वे स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव को लेकर तल्ख रहते हैं। राजनीतिक रूप से उनकी सरकार में शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह से भी पटरी नहीं खाती। पत्र में इन्हीं दो मंत्रियों के विभाग को जिम्मेदार ठहराया गया है। राजनीतिक पंडित इसके मायने निकाल रहे हैं।
बृहस्पति सिंह ने यहां तक आरोप लगाया कि स्वास्थ विभाग के अफसर इन बच्चों को प्रवेश न देकर उनके हाथ में कलम की जगह बंदूक थमाना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि इस तरह से अगर प्रवेश दिया जाता है तो इससे राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। प्रवेश के लिए 12वीं पास छात्राएं दर-दर भटक रही हैं। विधायक ने कहा इस संबंध में मेरी जानकारी में बात आई तो मैं आपसे यह अनुरोध कर रहा हूं।
इस पत्र के अपने सियासी मायने हैं। बृहस्पति सिंह रामानुजगंज से कांग्रेस के विधायक हैं। वे हर बार मुखर रहकर सुर्खियों में रहते हैं। इस बार फिर उन्होंने स्वास्थ विभाग को टार्गेट किया है। यह विभाग टीएस सिंहदेव के पास है। बृहस्पति सिंह सिंहदेव पर जान से मारने का आरोप भी लगा चुके हैं। इसलिए यह पत्र मूलतः सिंहदेव और उनके विभाग को केंद्र में रखकर लिखा गया है, जो मंत्री के कार्य और उनका कार्यक्षमता पर सवाल करता हुआ दिखाई दे रहा है। बृहस्पति सिंह जिस क्षेत्र से आते हैं वहां से 3 मंत्री पहले से ही सरकार में हैं। इसके साफ सियासी मायने हैं कि बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ मंत्री को सीधे न कहकर उनके विभागीय अफसरों को टार्गेट किया है।