श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने से पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकी बाज नहीं आ रहे हैं। बीते दिनों पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई। अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस एक्शन में आ गई है। श्रीनगर, कुलगाम और अनंतनाग में बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि धमकी देने के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। बीते दिनों खबर आई थी कि तमाम पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई है। इसके बाद कई पत्रकारों ने नौकरी भी छोड़ दी थी। शुक्रवार को खुलासा हुआ था कि घाटी के पत्रकारों को धमकी देने के पीछे आतंकी मुख्तार बाबा और उसके 6 सहयोगियों का हाथ है।
पत्रकारों को लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंटल संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) की तरफ से धमकी की चिट्ठियां भेजी गई थीं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस धमकी के पीछे जिस मुख्तार बाबा का नाम है, वो पहले कश्मीर के अलग-अलग अखबारों के लिए काम करता था। 1990 के दशक तक वो श्रीनगर में रहता था। बाद में तुर्की भाग गया था। मुख्तार बाबा के बारे में जानकारी है कि वो युवाओं को टीआरएफ में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। पुलिस के मुताबिक पत्रकारों को धमकी देने वाले मुख्तार के सभी करीबियों की पहचान हो गई है।
कश्मीर घाटी में पिछले कई महीनों से टारगेट किलिंग की घटनाएं हो रही हैं। कश्मीरी हिंदुओं और प्रवासी मजदूरों को आतंकवादी निशाना बना रहे हैं। ऐसे हमलों का शिकार होने वाले कई मुसलमान मजदूर भी हैं। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के आतंकियों को हालांकि सुरक्षा बलों ने मार गिराया है, लेकिन फिर भी जान से मारने की धमकी के बाद कई पत्रकारों ने खुद के बचाव के लिए नौकरी छोड़ दी। माना जा रहा है कि ताजा एक्शन के बाद मुख्तार बाबा के सभी करीबियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाई जाएगी।