हम आपको बता दें कि शिकायतकर्ताओं के शिकायत के बाद जब शिकायतकर्ता और अधिकारी धान फड़ पहुंचे तो वहां धान खरीदी केंद्र की समिति प्रबंधक कुसुमलता निषाद ने अधिकारियों को कुछ अलग ही कहानी बताइए। धान प्रबंधक समिति के अध्यक्ष का कहना है कि ट्रकों के ज्यादा हो जाने की वजह से उठाओ करते वक्त जिस ट्रक में मोटा धान के बदले पतला सरना धान भर दिया गया है। वह गलती से भरी गई है।
जिला खाद्य अधिकारी का कहना है कि बिरकोनी धान खरीदी केंद्र से अवैध परिवहन हो रही थी और शिकायतकर्ता की जो शिकायत है। वह सत्य है। धान खरीदी केंद्र पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, वही खाद्य अधिकारी ने यह भी कहा है कि जांच उपरांत धान समिति केंद्र प्रबंधक और मिलर्स की सांठगांठ पाई गई तो मिलर्स पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 1 नवंबर से पूरे राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की है। महासमुंद जिले के 162 धान खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी समर्थन मूल्य में की जा रही है समिति प्रबंधकों और मिलसों की सांठगांठ के चलते धान सरना पतला में सांठगांठ कर यह खेल खेला जा रहा है। एक तरफ जिला प्रशासन अंतर राज्य से होने वाले अवैध धान के परिवहन के लिए समिति बनाकर कार्यवाही कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जिले के भीतर मौजूद धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी प्रबंधन और बिलों की सांठगांठ से यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। हमारी टीम जांच पड़ताल में बिरकोनी धान समिति केंद्र पहुंची तो केंद्र की समिति प्रबंधक कुसुमलता निषाद अपनी कुर्सी में नहीं थी, अधिकारियों के आने के बाद वह यहां पहुंची है और अलग ही तरह की कहानी बता रही है अब देखना यह है कि जिले में चल रहे इस तरीके के धान खरीदी केंद्रों में अवैध धान के खरीद-फरोख्त पर जिला प्रशासन किस तरह से लगाम लगा दी है समिति प्रबंधकों पर क्या कार्यवाही करती है यह देखना है