मध्यप्रदेश। सिंगरौली जिले की स्वास्थ्य सेवाओ की पोल खोलती एक और तस्वीर सामने आयी है जहां सरई तहसील के झारा गांव में मनमोहन सिंह 65 वर्ष की मौत हो गयी। वह अपनी बेटी के यहां आये थे इसी दौरान उनकी मौत हो गयी। मनमोहन सिंह के दामाद ने एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए अस्पताल में फोन किया था परन्तु, उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं हो सकी। जिसके चलते थक हारकर खाट पर ही शव रखकर मनमोहन सिंह के परिजन बोंदों गांव की ओर निकल पड़े। राहगीरों ने सीधी थाना प्रभारी का फोन किया तब सीधी पुलिस ने अपने वाहन से मृतक के शव को उनके गांव बेंदो भिजवाया। थाना प्रभारी भुईमाड़ आकाश सिंह राजपूत ने बताया कि मृतक के परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए संपर्क किया था। अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस वाहन नहीं मिल सका। 5 किमी चलने के बाद पुलिस ने की मदद, उसके बाद वे शव को खाट पर लेकर पैदल ही 20 किमी दूर अपने गांव निकल पड़े। हमें राहगीर ने फोन से सूचना दी कि कुछ लोग खाट से बुजुर्ग का शव ले जा रहे हैं। उसके बाद हम मौके पर पहुंचे और वाहन से शव को मृतक के घर तक पहुंचाया।
जिला अस्पताल ट्रॉमा सेंटर बैढ़न के शव वाहन प्रभारी डॉक्टर यूके सिंह ने बताया कि जिले के तीनों ब्लॉक सिंगरौली, देवसर और चितरंगी में एक-एक शव वाहन मुहैया कराए गए हैं। जरूरत पड़ने पर शव वाहन उपलब्ध कराए जाते हैं। मृतक के परिजनों ने कॉल कर वाहन की मांग की थी। यहां के टीम ने बताया था कि अभी वाहन दूसरी जगह गया है। डेढ़ से दो घंटे में गाड़ी आप तक पहुंच जाएगी। इसके बाद उन्होंने गाड़ी आने का इंतजार नहीं किया। वे खुद खटिया पर शव लेकर पैदल अपने गांव चले गए।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी एनके जैन ने कहा कि अस्पताल में मौत होने पर या पुलिस की सूचना पर शव वाहन मुहैया कराए जाते हैं। इस मामले में मौत अस्पताल में नहीं हुई है। इस वजह से उसे शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। सिंगरौली कलेक्टर अरुण परमार ने कहा कि इस मामले में जांच करने के निर्देश दे दिए हैं।