रायपुर।राजधानी के घनी बसाहट वाले इलाके अमलीडीह में रामा बिल्डकान को 9 एकड़ जमीन का आवंटन अब निरस्त होने के आसार हैं। रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे को शासन ने इस मामले की जांच सौंपी थी। मिली जानकारी के मुताबिक कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट के अंत में कहा है कि कई तरह की शिकायतें हैं, प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है, इसलिए शासन रामा बिल्डकान का जमीन आवंटन निरस्त कर सकता है। इसमें सबसे बड़ा आधार यही बनाया गया है कि जमीन आवंटन इसी शर्त पर हुआ था कि बिल्डर को लैंडयूज टाउन एं कंट्री प्लानिंग से चेंज कर भूखंड को एजुकेशन से रेसिडेंशियल करवाना पड़ेगा, तभी आवंटन होगा। लेकिन अब तक लैंडयूज चेंज नहीं हुआ है। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर सकता है। इधर, इस मामले में राजनैतिक चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो रहा है।
रायपुर कमिश्नर कांवरे ने राजस्व विभाग के सचिव को 5 पेज की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को भेज दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस प्लाट को बिल्डर को आवंटित करने का आदेश हुआ है, उसका लैंड यूज चेंज नहीं होने के कारण डायवर्सन नहीं हुआ है। राजस्व विभाग के साथ बिल्डर का अभी लीज एग्रीमेंट भी नहीं है। जांच रिपोर्ट तैयार करने से पहले कमिश्नर ने इस मामले में रायपुर कलेक्टर से भी प्रतिवेदन मांगा था। जांच रिपोर्ट में अमलीडीह के ग्रामीणों की शिकायत का उल्लेख है, जिसमें कहा गया है कि जिन फर्म को जमीन आवंटित की जा रही है, वे जमीन के ही कारोबार से जुड़े हैं और शासन से नाममात्र के भुगतान पर जमीन चाह रहे हैं। रिपोर्ट में रामकुमार दुबे की तरफ से लगाई गई याचिका का भी उल्लेख है। कमिश्नर की रिपोर्ट में विधायक मोतीलाल साहू की ओर से इस जमीन का आवंटन निरस्त करने तथा प्लाट को नवीन महाविद्यालय के नाम से आवंटित करने का भी उल्लेख है। कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट में कहा कि रामा बिल्डकान के संचालक राजेश अग्रवाल ने सरकारी भूमि को मास्टर प्लान में प्रस्तावित लैंड यूज के प्रावधान के अनुसार नहीं बदलवाया है। साथ ही कलेक्टर की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में लीज एग्रीमेंट नहीं होने की बात भी कही गई है। इस आधार पर कमिश्नर महादेव कांवरे ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि अमलीडीह तहसील में रामा बिल्डकान को आवंटित करीब 9 एकड़ जमीन का आवंटन निरस्त किया जा सकता है।