नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की सजा में छूट के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए जल्द पीठ गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की एक पीठ ने बिलकिस बानो की ओर से पेश वकील शोभा गुप्ता से आग्रह किया है कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक और पीठ गठित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा, लेकिन कृपया एक ही बात का बार-बार उल्लेख न करें। यह बहुत परेशान करने वाला है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जज बेला एम त्रिवेदी ने मंगलवार को बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को अब बिलकिस बानो के मामले की सुनवाई के लिए एक नई पीठ का गठन करना होगा, जिसमें न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी हिस्सा नहीं होंगी।
क्या है बिलकिस बानो मामला
गोधरा दंगों के बाद बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। घटना के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की था और पांच महीने की गर्भवती थी। गुजरात दंगों में उनकी तीन साल की बेटी भी मारी गई थी। केस के सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दी थी और इस साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।