नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज एक अजीबोगरीब जनहित याचिका दाखिल हुई। इसमें याचिकाकर्ता ने स्वामी अनुकूल चंद्र ठाकुर को ही एकमात्र भगवान माने जाने के निर्देशों की मांग सुप्रीम कोर्ट से की। सुप्रीम कोर्ट ने एक लाख रुपये के जुर्माने के साथ याचिका खारिज की।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस सी टी रविकुमार ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि आप चाहे जो मानें लेकिन आप देश के सभी नागरिकों को श्री श्री अनुकूल ठाकुर को भगवान मानने को कैसे कह सकते हैं? याचिकाकर्ता के जुर्माना नहीं लगाने की गुजारिश पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने जनहित याचिका का दुरुपयोग किया है। हमने तो कम जुर्माना लगाया है। किसी को हक नहीं है कि जनहित याचिका का दुरुपयोग करे। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी को अपनी धार्मिक आस्था के हिसाब से पूजा करने और अपने आराध्य के उपदेशों, शिक्षा और मान्यता का प्रचार करने का अधिकार है, लेकिन कोई भी किसी को मजबूर नहीं कर सकता।
उपेंद्र नाथ दलाई ने याचिका में बीजेपी, आरएसएस, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, गुरुद्वारा बंगला साहिब, इस्कॉन समिति, बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, नेशनल क्रिश्चिएन काउंसिल आदि को भी पार्टी बनाया था।