Republic Day 2025: भारत के 76वें गणतंत्र दिवस की सुबह आज नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर अद्भुत नजारा दिखने वाला है. आसमान में उड़ते भारतीय वायुसेना के विमानों की गड़गड़ाहट और जमीन पर पैदल मार्च करती सैनिकों की ध्वनि एक साथ गूंजेगी. हर कदम, हर उड़ान, और हर झांकी अपने आप में भारत की ताकत, समृद्धि और अखंडता की गाथा बयां कर रही होगी.
परेड के मुख्य आकर्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो का स्वागत करेंगे. कर्तव्य पथ पर तिरंगे के नीचे से गुजरती सेना, राज्य सरकारों की रंग-बिरंगी झांकियां और डीआरडीओ की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन एक ऐसा पल होगा, जो भारतीयों के दिलों को गर्व से भर देगा.
फ्लाई-पास्ट होगा सबसे शानदार
सभी की आंखों में चमक, लेकिन सबसे ज़्यादा गौरवमयी फ्लाई-पास्ट होने वाला है, जिसमें भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक विमान आसमान में अपनी ताकत का अहसास कराते हुए उड़ान भरेंगे. यह दृश्य किसी महाकाव्य से कम नहीं होने वाला है. दुनिया भर से लोग इस जश्न का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं. अमेरिका सहित कई देशों ने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई भेजी है. अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो ने भी अपने संदेश में भारत के संविधान को मान्यता दी और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की स्थायित्व की सराहना की.
परेड में नजर आती है भारत की विविधता
इस दिन का एक और महत्वपूर्ण पहलू दिल्ली पुलिस की सक्रियता है. सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था के तहत पूरे शहर को किले में तब्दील कर दिया गया है. ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे. भारत अपने गणतंत्र दिवस को न केवल धूमधाम से मनाता है, बल्कि सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए भी सजग रहता है. कहा जा सकता है कि यह सिर्फ एक परेड नहीं, बल्कि भारत के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विविधता, और भविष्य के प्रति उम्मीदों का प्रतीक है.
भारत की ताकत तकनीकी क्षमताओं से भी ऊपर
आज का दिन इस बात का अहसास दिलाता है कि भारत केवल एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, एक शक्ति है, जो समय के साथ निरंतर उन्नति की दिशा में बढ़ रही है. इस बार का गणतंत्र दिवस इस बात को एक बार फिर से दोहराएगा कि भारत की ताकत सिर्फ उसकी सेना और तकनीकी क्षमताओं में ही नहीं, बल्कि उसकी एकता, विविधता और प्रगति की राह में भी निहित है.
भारत ने आज से 76 साल पहले अपनाया था खुद का संविधान
आज से 76 साल पहले, जब भारत ने अपना संविधान अपनाया था, तब किसी ने कल्पना नहीं की थी कि यह राष्ट्र दुनिया के सबसे ताकतवर लोकतंत्रों में से एक बनेगा. लेकिन आज, जब दुनिया भारत की ताकत और समृद्धि को देख रही है, तब यह हमें अपने भविष्य के प्रति गर्व और आत्मविश्वास से भर देता है.