बिलासपुर। 21-22 सप्ताह के गर्भ से दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की विशेष कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर बिलासपुर को निर्देश दिया है कि एक मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता की मेडिकल जांच कर 26 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश की जाए।
पीड़िता ने 23 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने गर्भ समाप्त करने की अनुमति मांगी थी, क्योंकि वह गर्भ को रखने के लिए तैयार नहीं थी। मामले में 7 जून 2024 को जारी अधिसूचना के तहत मेडिकल जांच कराने के आदेश दिए गए हैं, और राज्य सरकार इस जांच के खर्च को वहन करेगी।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, मेडिकल बोर्ड में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट/सोनोलॉजिस्ट और अन्य आवश्यक सदस्य शामिल होंगे। बोर्ड को पीड़िता की शारीरिक और मानसिक स्थिति, गर्भावस्था की स्थिति, भ्रूण की समग्र स्थिति, और गर्भावस्था समाप्त करने के संभावित खतरे की जांच करनी है। इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि यदि गर्भ समाप्त करने की अनुमति दी जाती है, तो यह शारीरिक रूप से कितनी हानिकारक हो सकती है।
पीड़िता को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश भी दिया गया है, ताकि रिपोर्ट तैयार की जा सके। मामले में त्वरित निर्णय के लिए न्यायालय ने यह कदम उठाया है।