रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-रूस साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे. यह बैठक सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) के 21वें सत्र के अवसर पर आयोजित की गई.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी की अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे. बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
भारत-रूस संबंधों की गहरी और स्थायी प्रकृति पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, हमारे देशों के बीच मित्रता सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है. इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की 21वीं बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की और रूस के साथ घनिष्ठ संपर्क मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की बहुत ही उपयोगी बैठक हुई. द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करते हुए हमने दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की. हम भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
रूसी रक्षा मंत्री से भी मिले राजनाथ
PTI ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा कि सिंह ने सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली की दो बाकी यूनिट्स की जल्द सप्लाई किए किये जाने की जोरदार हिमायत की. रूस ने मिसाइल प्रणालियों की पहली तीन रेजिमेंट की आपूर्ति पूरी कर ली है. यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर शेष इकाइयों की आपूर्ति में देरी हुई है. रूस-यूक्रेन युद्ध, सीरिया और मध्य एशिया के हालात समेत रक्षा क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई.