दिल्ली / गुवाहाटी की एक विशेष एनआईए अदालत ने आतंकवादी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम) का एक मॉड्यूल तैयार करने के लिए सदस्यों की भर्ती से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मो. शाहनवाज अलोम उर्फ शाहनवाज आलम और उमर फारूक को सजा सुनाते हुए उन पर जुर्माना भी लगाया। दोनों को आईपीसी की धारा 120 बी, 18, 18 बी, 19 और यूए (पी) अधिनियम की 38 के तहत दोषी ठहराया गया था।
अलोम को 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उसके एचएम के संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद कमरूज जमान के साथ करीबी संबंध थे। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी कामरुज जमान, शाहनवाज अलोम, सैदुल आलम, उमर फारुक और अन्य आरोपियों ने आतंकवादी गतिविधियों द्वारा लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए असम में एचएम का एक मॉड्यूल बनाने के लिए सदस्यों की भर्ती करने की साजिश रची थी।
मामला शुरू में जमुनामुख पुलिस स्टेशन में 2018 में दर्ज किया गया था और बाद में मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। विवेचना के बाद 11 मार्च 2019 को पांचों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया