IRCTC Compensation Scheme: भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने प्राइवेट ट्रेनों की देरी पर मुआवजा देने की योजना को 15 फरवरी 2024 से ही बंद कर दिया है. यह जानकारी एक RTI (सूचना का अधिकार) के माध्यम से सामने आई है, हालांकि, IRCTC ने इस निर्णय के कारणों को सार्वजनिक करने से मना कर दिया और इसे गोपनीय बताया.
यह मुआवजा योजना अक्टूबर 2019 में शुरू की गई थी, जब IRCTC ने तेजस ट्रेनों का संचालन शुरू किया. इनमें से एक ट्रेन नई दिल्ली से लखनऊ और दूसरी अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलती है. इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को इन ट्रेनों की ओर आकर्षित करना था.
2 घंटे की देरी पर 250 रुपये का मुआवजा
इस योजना के तहत, यदि ट्रेन 60 से 120 मिनट तक देरी करती थी, तो यात्रियों को 100 रुपये का मुआवजा मिलता था. 120 से 240 मिनट तक की देरी पर 250 रुपये का मुआवजा दिया जाता था. यदि ट्रेन रद्द हो जाती, तो पूरा किराया वापस किया जाता और देरी होने पर खाने-पीने की सुविधाएं भी दी जाती थीं.
इन सालों में इतना मिला यात्रियों को मुआवजा
2019 से 2024 तक, इस योजना के तहत कुल 26 लाख रुपये मुआवजे के रूप में यात्रियों को दिए गए. 2023-24 के वित्तीय वर्ष में 15.65 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया गया. IRCTC के आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में 1.78 लाख रुपये, 2020-21 में कोई मुआवजा नहीं, 2021-22 में 96,000 रुपये, 2022-23 में 7.74 लाख रुपये और 2023-24 में 15.65 लाख रुपये मुआवजा वितरित किया गया. अब यह योजना पूरी तरह से बंद हो गई है.
भारत में लाखों यात्री प्रतिदिन ट्रेन में सफर करते हैं. भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवा में से एक है. भारतीय रेल का भारी संख्या में काम आईआरसीटीसी करता है. यह कंपनी शुरुआत में खाने-पीने से जुड़ी और अब उसकी तेजस ट्रेन भी चल रही है. तेजस में यात्रियों की संख्या के बढ़ाने के लिए मुआवजा स्कीम को लागू किया गया था, जो अब बंद कर दिया गया है.