हिंदू धर्मग्रंथों से लेकर ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य को अर्घ्य देने की बहुत महत्ता बताई गई है. खास तौर पर सुबह-सुबह नहाने के बाद सूर्य की पूजा करने और उन्हें जल अर्पित करने की बहुत प्राचीन परंपरा रही है. माना जाता है कि कलयुग में सूर्यदेव ही एकमात्र साक्षात दिखाई देने वाले देवता हैं. जो व्यक्ति प्रात: काल सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा-अर्चना करता है, उसके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. लेकिन ठंड के मौसम में कई बार कोहरा छाने की वजह से सूर्य देव के दर्शन नहीं होते. ऐसे में मन में आशंका आती है कि सूर्य को अर्घ्य कैसे दें और अर्घ्य देने से लाभ मिलेगा भी या नहीं.
बादलों में यहां चढ़ाएं जल: बादलों, कोहरा होने से सूर्य की शक्ति कम नहीं होती, इसलिए बारिश हो या सर्दियों का दिन पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य का ध्यान करें और उन्हें जल अर्पित करें. सूर्योदय के बाद, बादलों के बावजूद सूर्य की रश्मियां आसमान में तो होती हैं, इसलिए सूर्य को जल चढ़ाने का पूर्ण फल मिलता है. इसके अलावा आप रविवार के दिन सूर्य मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन कर सकते हैं.
मंत्र से करें पूजा : किसी भी उपासना विधि का अहम हिस्सा होते हैं मंत्र जाप.. जो पूजा उपासना में एक असर लाते हैं. उनके प्रभाव को कई गुण बढ़ाते हैं इसलिए सूर्य उपासना में भी सबसे जरूरी है कि आप जल अर्पित करते समय सूर्य देव के मन्त्रों का जाप करें. सूर्य उपासना के महाशक्तिशाली मंत्र जो किसी चमत्कार से कम नहीं हैं.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा :।।
ऊँ सूर्याय नमः
ऊँ घृणि सूर्याय नमः
सूर्य के 21 नाम जल चढ़ाते समय जाप करने से शीघ्र प्रसन्न होते हैं सूर्यदेव :
1. विकर्तन 2. विवस्वान 3. मार्तण्ड
4. भास्कर 5. रवि 6. लोकप्रकाशक
7. श्रीमान 8. लोकचक्षु 9. गृहेश्वर
10. लोकसाक्षी 11. त्रिलोकेश 12. कर्ता
13. हर्ता 14. तमिस्त्रहा 15. तपन
16. तापन 17. शुचि 18. सप्ताश्ववाहन
19. गभस्तिहस्त 20. ब्रह्मा 21. सर्वदेवनमस्कृत
सूर्य देव की पूजा से जुड़े नियम और लाभ :
– सूर्य देव की पूजा के लिए रोज़ाना सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए.
– सूर्य देव को जल चढ़ाते समय ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
– सूर्य देव को जल चढ़ाते समय लोटे में लाल रोली और लाल फूल मिलाना चाहिए.
– सूर्य देव को जल चढ़ाते समय नज़रें लोटे के जल की धारा की ओर रखनी चाहिए.
– सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद, दीपक जलाकर उनका ध्यान करना चाहिए.
– सूर्य देव की पूजा में तांबे की थाली और तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.
– सूर्य देव की पूजा में लाल चंदन और लाल फूल ज़रूर शामिल करने चाहिए.
– सूर्य देव की पूजा के बाद, उनकी आरती करनी चाहिए.
– सूर्य देव की पूजा के बाद, हाथ जोड़कर भगवान से मनोकामना मांगनी चाहिए.
– रविवार के दिन सूर्य मंदिर जाकर दर्शन-पूजन करना चाहिए.