रायपुर। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने डीएमएफ (डीवेलपमेंट ऑफ मिनरल फंड) घोटाले में निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और 9 अन्य आरोपियों की 21 करोड़ 47 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी है। इन संपत्तियों में भूमि, आवासीय संपत्तियां, सावधि जमा और बैंक बैलेंस शामिल हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।
ईडी द्वारा जारी बयान के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों में आईएएस रानू साहू, उनकी एक सहयोगी, राधेश्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर, संजय शेंडे, मनोज कुमार द्विवेदी, हृषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने सरकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर डीएमएफ के फंड में घोटाला किया और सरकारी अनुबंधों को धोखाधड़ी से हासिल किया।
ईडी की जांच में यह सामने आया कि ठेकेदारों ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को अनुबंध के मूल्य का 15 से 42 प्रतिशत तक रिश्वत दी, जिसके बाद इन अधिकारियों ने ठेकेदारों के लाभ के लिए इन अनुबंधों को मंजूरी दी। इसके बाद, ठेकेदारों ने अवैध रूप से बड़ी राशि को नकद में निकाल लिया या इसे आवास प्रदाताओं को हस्तांतरित कर दिया, जिसके बदले ठेकेदारों को नकद राशि मिली। यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी वास्तविक खरीद के माल की खरीददारी के रूप में दिखायी गई।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इन रिश्वतों का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों को डीएमएफ कार्य आवंटित करने और उनकी मंजूरी लेने के लिए किया गया था। इन अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कई तलाशी अभियान चलाए गए, जिसमें 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किए गए। अब तक 90.35 करोड़ रुपये की अपराध आय (पीओसी) का पता चला है, जिसमें 9 दिसंबर तक 23.79 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।