लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए महाकुंभ मेला के आयोजन को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए एक नया जिला घोषित किया है। यह नया जिला पहले प्रयागराज क्षेत्र में आता था, लेकिन अब इसे अलग कर “महाकुंभ मेला” के नाम से नया जिला बना दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी, जिसके बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी ने इसका नोटिफिकेशन जारी किया।
यह निर्णय आगामी महाकुंभ मेला 2025 के प्रबंधन और प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से लिया गया है। 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के सुचारू संचालन के लिए यह कदम उठाया गया है।
प्रयागराज जिले से अलग होकर महाकुंभ मेला को एक नया प्रशासनिक क्षेत्र बना दिया गया है। जिला मजिस्ट्रेट रविन्द्र कुमार मांदड़ द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि इस नए जिले की सीमा में मेला क्षेत्र और संबंधित राजस्व गांव शामिल होंगे। इसके साथ ही मेलाधिकारी, कुंभ मेला को प्रशासनिक शक्तियां दी गई हैं, ताकि आयोजन के दौरान प्रशासनिक कार्यों में कोई रुकावट न आए। आदेश के अनुसार, महाकुंभ मेला क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-14(1) और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियां भी प्रदान की जाएंगी।
महाकुंभ मेला एक ऐसा आयोजन है जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, और 2025 का मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश और दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है। सरकार का मानना है कि इस नए जिले के गठन से मेला क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों में आसानी होगी और धार्मिक आयोजन को बेहतर तरीके से संपन्न किया जा सकेगा।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, और महाकुंभ मेला के लिए तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं।