रानी अवंती बाई के बलिदान को स्मरण करते हुए उनकी वीरता को किया नमन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्राम घुमका में रानी अवंती बाई की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने रानी अवंती बाई की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर उनके बलिदान को स्मरण करते हुए उनकी वीरता को नमन किया।
अमर शहीद वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी 16 अगस्त 1861 को लोधी क्षत्रीय वंश में जन्मी। अमर शहीद वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी वर्तमान मध्य प्रदेश के सिवनी जिला मनकेहड़ी के जागीरदार श्री झुझार सिंह की पुत्री का विवाह रामगढ़ मण्डला के राजा विक्रमाजीत सिंह से हुआ। राजा विक्रमाजीत सिंह के निधन के समय उनके दोनों पुत्र अमर सिंह एवं शेर सिंह नाबालिक थे।
अत: रानी ने राजकाज संभाला। राजकाज संभालते हुए 1857 के ऐतिहासिक प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया तथा कई बार उन्हें परास्त किया। अंत में अंग्रेज कैप्टन वाडिगटन ने देश के गद्दारों के साथ मिलकर रानी को चारों ओर से घेर लिया, लेकिन रानी ने बंदी बनने के बजाए 20 मार्च 1858 को कटार से देशहित में आत्म बलिदान कर दिया और अमरता को प्राप्त हो गई।