उत्तर प्रदेश। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद शिष्या से दुष्कर्म के 11 साल पुराने मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी गुरूवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने धारा 82 की कार्रवाई कर चिन्मयानंद को भगोड़ा घोषित कर दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट में चिन्मयानंद के खिलाफ केस चल रहा है। कोर्ट ने आदेश की प्रति सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करने का आदेश जारी किया है। मामले में अगली तारीख 16 जनवरी तय की है।
सर्वोच्च न्यायालय ने चिन्मयानंद को 30 नवंबर तक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-तृतीय/एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए आदेशित किया था। इसके बावजूद चिन्मयानंद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। गुरूवार को चिन्मयानंद की ओर से उनके अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर हुए। अधिवक्ता के माध्यम से चिन्मयानंद ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया कि वह एक कमजोर और बुजुर्ग व्यक्ति हैं। गंभीर बीमारियों के कारण कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट, इलाहाबाद में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया है। इस पर सुनवाई 19 दिसंबर को होनी है।
यह है मामला
चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने 2011 में चौक कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। 2018 में भाजपा सरकार ने मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन पीड़िता के एतराज पर अदालत ने प्रक्रिया खारिज कर दी थी। चिन्मयानंद के हाजिर न होने के कारण अदालत ने उनके खिलाफ पहले जमानती फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। चिन्मयानंद सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी। पुलिस भी अब तक चिन्मयानंद को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।