नई दिल्ली। सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ जैन समाज के लगातार प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस मसले पर एक कमेटी भी बनाई गई है। केंद्र ने झारखंड सरकार से इस मुद्दे पर जरूरी कदम उठाने को भी कहा है। पर्यावरण मंत्रालय ने इसे लेकर दो पेज की चिट्ठी जारी की। इसमें लिखा है, ‘इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना के खंड-3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाती है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और इको-टूरिज्म गतिविधियां शामिल हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।’
बता दें कि सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से जैन समुदाय आंदोलन कर रहा है। इसके खिलाफ कई जैन मुनियों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है। इसमें जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण भी त्याग दिया था।
इसके बाद देशभर में यह आंदोलन एक भावनात्मक आंदोलन के रूप में जोर पकड़ने लगा था। जैन समाज के साथ संतों ने भी इस मसले पर आर या पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप कर इसपर रोक लगा दी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का एक पवित्र स्थल है। वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था। इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी। जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया। इस दौरान पर्यटन स्थल के आसपास शराब और मांस की दुकाने खोलने की भी इजाजत दे दी गई, जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ और जैन समाज ने आंदोलन करना शुरू कर दिया।