अविनाश दुबे, रायपुर | छत्तीसगढ़ में 188 करोड़ की लागत से बनी एक सड़क ने विकास का नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और मौत का रास्ता खोल दिया। इस सड़क के निर्माण के लिए 116 करोड़ का भुगतान ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को किया गया, जो आरोपों के मुताबिक भ्रष्टाचार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त है।
इस प्रकरण का सबसे दर्दनाक पहलू एक साहसी पत्रकार की हत्या है। पत्रकार मुकेश, जो इस घोटाले की गहराई से रिपोर्टिंग कर रहे थे, ने सड़क निर्माण में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की परतें खोलनी शुरू कीं। उनकी रिपोर्टिंग ने यह सवाल उठाया कि क्या यह सड़क वास्तव में जनता के लिए बनी, या फिर केवल अधिकारियों और ठेकेदारों की जेबें भरने के लिए?
हालांकि, सच की इस लड़ाई ने उन्हें निशाना बना दिया। मुकेश की हत्या ने न केवल पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक व्यवस्था की चुप्पी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हत्या के पीछे के असली दोषियों को सजा दिलाने और भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचने की मांग जोर पकड़ रही है |