रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर राजभवन को मोहरा बना कर राजनीति कर रही है। भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र को बेनकाब करने कांग्रेस 3 जनवरी को राजधानी में जनअधिकार महारैली का आयोजन करेगी जिसमें एक लाख से अधिक लोग आरक्षण विधेयक पर भाजपा को बेनकाब करने एकत्रित होंगे तथा आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिये राज्यपाल से अनुरोध करेंगे।
राज्य के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों और पांचो संभागो से रैली में शामिल होने लोग आयेंगे। जनअधिकार रैली में शामिल होने के लिये कांग्रेस पार्टी की तरफ से सभी जातियों के समाज प्रमुखों को प्रदेश कांग्रेस की तरफ से आमंत्रण पत्र भेजा गया है तथा उन सबसे प्रत्यक्ष मुलाकात कर भी जनअधिकार रैली में शामिल होने आग्रह किया जायेगा। आदिवासी समाज अनुसूचित जाति के विभिन्न समाजो तथा पिछड़ा वर्ग के विभिन्न जाति समाज प्रमुखों तथा सवर्ण समाज के भी प्रमुखों को आमंत्रण देकर रैली में शामिल होने बुलावा दिया जा रहा।
मोहन मरकाम ने कहा कि जिस विधेयक को लाने के लिये विशेष सत्र बुलाने की सहमति राज्यपाल की भी थी तथा उन्होंने उसी दिन हस्ताक्षर की बात कही थी फिर इसमें विलंब क्यों हो रहा है? राजभवन द्वारा आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने में विलंब भाजपा का षडयंत्र है। आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित हो गया तो राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर कर देना चाहिये।
राजभवन में इसके पहले भी जब कृषि संशोधन विधेयक पारित हुआ था तब भी हस्ताक्षर करने में विलंब हुआ था। आरक्षण विधेयक पर राजभवन में हो रही देरी से गलत संदेश जनता के बीच जा रहा जो राजभवन की गरिमा के विपरीत है। आरक्षण संशोधन विधेयक छत्तीसगढ़ के सर्व समाज के हितों का सवाल हैं। छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग के हितों का सवाल है। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति वर्ग एवं अनारक्षित वर्ग के गरीबों के हितो का सवाल है। 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसमें राजभवन को तत्काल हस्ताक्षर करना चाहिये।
मोहन मरकाम ने कहा कि विधानसभा ने पूर्ण बहुमत एवं ध्वनि मत से विधेयक को पारित किया है। आरक्षण संशोधन विधेयक सभी पहलुओं को देखने के बाद ही विधानसभा में लाया गया था तथा विधेयक लाने के तार्किक आधार को सरकार ने एकत्रित किया है। पिछड़ा वर्ग की आबादी के लिये क्वांटी फायबल डाटा आयोग गठित किया गया अनुसचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की आबादी के जनगणना के आंकड़ो के आधार पर तथा ईडब्लूएस आरक्षण लोकसभा में पारित कानून के आधार पर लाया गया है। यह विधेयक पूरी तरीके से कानून सम्मत एवं तर्क सम्मत विधेयक है। इसमें तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिये।