रायपुर। ऑनलाइन सट्टा एप पर सरकार के साथ पुलिस भी शिकंजा कसती जा रही है। इसी क्रम में पुलिस ने सरगना सुधीर गुप्ता समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अंबिकापुर सीएसपी रोहित शाह की टीम ने सटोरिया सुधीर गुप्ता के घर में छापा मारा था, जहां ऑस्ट्रेलिया क्लब मैच में सट्टा लगवाते 3 युवक पकड़े गए। उनके पास से 1.54 लाख रुपए कैश और 73 मोबाइल जब्त किया गया। इसके अलावा, 234 एटीएम कार्ड, 77 सिम, 78 चेकबुक, 81 पासबुक, 8 बार कोड स्कैनर, 13 मूल आधार कार्ड, पेन कार्ड और आधार कार्ड की फोटो कॉपी बरामद हुआ। ऑनलाइन सट्टा-पट्टी का बही खाता भी बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी सुधीर गुप्ता अपने घर में ऑफिस बनाकर टीवी सेटअप लगाकर ऑस्ट्रेलिया क्लब क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवा रहा था। ये लंबे समय से सट्टा चला रहा थ। आईपीएल मैच के दौरान बड़े पैमाने पर सट्टा लगाए गए थे।
इस मामले की जानकारी देते एसपी योगेश पटेल ने कहा कि सिर्फ एक बैंक से 15 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन मिला है। सभी बैंकों को मिलाकर सट्टे की रकम 100 करोड़ रुपए तक होने की आशंका है। 15 बैंकों में खाता खुलवाकर आरोपी इसका इस्तेमाल कर रहे थे। अब तक बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने 30 खातों में 15 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन होने की जानकारी दी है। बाकी बैंकों से जानकारी मांगी गई है। एसपी ने बताया कि सट्टा लगाने वालों को 20 हजार रुपए जमा करने पर उन्हें लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दिया जाता था। इसके माध्यम से वे ऐप खोलकर लॉग-इन करते थे और पैसे लगाते थे। मुनाफे की रकम बैंक से ट्रांसफर की जाती थी। WIN BUZZ पोर्टल पर भी ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा था। सुधीर कुमार गुप्ता ने 4 वॉट्सएप ग्रुप बनाए हैं, जिसमें सैकड़ों लोग जुड़े हैं। उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपियों ने पैसा ऑनलाइन कई खातों में डलवाया था। फोन-पे, गूगल-पे, पेटीएम का इस्तेमाल कर लेन-देन करते थे।
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की (27) निवासी बिलासपुर चौक अंबिकापुर, श्रीकांत अग्रवाल (46) निवासी महामाया रोड, राहुल कुमार सोनी (23) निवासी चांदनी चौक अंबिकापुर शामिल हैं। एक सहयोगी अर्जुन गुप्ता (20) निवासी शिकारी रोड को भी पकड़ा गया है। उसने दूसरे लोगों का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक का पासबुक की छायाप्रति के बिना ही क्यू आर कोड स्कैनर जनरेट किया था। चारों आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। वहीं, अब मुख्य आरोपी सुधीर गुप्ता भाग निकला था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बार-बार बदल देते थे ऑफिस
एसपी ने बताया कि, सुधीर गुप्ता और सहयोगी लंबे समय से सट्टा खिलवा रहे थे। उन्होंने अपने ग्रुप का नाम W52 रखा था। वे हर दो से ढ़ाई महीने में दफ्तर बदल देते थे। मामले में अन्य बैंकों से संदिग्ध खातों के ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी गई है। बैंकों में बड़े पैमाने पर फर्जी खाते खोलकर एक-एक खाते से लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ, लेकिन बैंकों ने संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी नहीं दी। इसमें बैंकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।