रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 70 करोड़ की लागत से बन रहे सिग्नेचर ब्रिज के ढह जाने की खबर सामने आई है। यह पहला सिग्नेचर ब्रिज रुद्रप्रयाग के समीप नरकोटा में बनने जा रहा था। जो बनने से पहले ही ध्वस्त हो गया। राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। सूचना मिलने पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
बड़ा हादसा होने से टला
सिग्नेचर ब्रिज ध्वस्त होने के बाद कार्यदायी संस्था और एनएच लोनिवि की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आ गई है। जानकारी के अनुसार, बीते गुरुवार शाम 4 बजे के करीब नरकोटा गांव में बन रहा पुल ढह गया। बताया जा रहा है कि जब सिग्नेचर पुल का एक हिस्सा ढहा तो उस दौरान उसके आस-पास मजदूर मौजूद थे। उन्होंने पुल के टूटने की आहट सुनते ही किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। वहीं सूचना मिलने पर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
आरसीसी कंपनी पर भी खड़े होने लगे सवाल
बता दें कि ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर नरकोटा में 110 मीटर का सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। बताया जा रहा है कि पुल लगभग 70 करोड़ की लागत से बन रहा था। वहीं पुल के क्षतिग्रस्त होने से अब आरसीसी कंपनी पर भी कई सवाल खड़े होने लगे हैं। गौरतलब हो कि इससे पहले जुलाई 2022 में भी ब्रिज की शटरिंग को नुकसान पहुंचा था। जिसमें 4 मजदूरों की मौत हो गई थी।