रायपुरः छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य सरकार से जवाब मांगी है। राज्यपाल ने 10 के साथ राज्य सरकार को जवाब तलब किया है। राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि क्या इस विधेयक को पारित करने से पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का कोई डाटा जुटाया गया था? अगर जुटाया गया था तो उसका विवरण दें। सरकार यह भी बताए कि 50% आरक्षण की सीमा बढ़ाने की परिस्थिति क्यों बनी क्या आरक्षण बढ़ाने से पहले क्या कमेटी गठित की गई है? EWS के लिए क्या पृथक अधिनियम लाया गया ?
राज्यपाल ने इन सवालों का मांगा जवाब
1. विधेयक पारित होने से पहले क्या एसटी, एससी के संबंध में मात्रात्मक विवरण (डाटा) संग्रहित किया गया।
2. 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण करने के लिए विशेष और बाध्यकारी परिस्थितियों से संबंधित विवरण उपलब्ध कराएं।
3. उच्च न्यायालय के 19 सितंबर 2022 के निर्णय के ढाई महीने बाद क्या ऐसी विशेष परिस्थितियों के संबंध में कोई डाटा संकलित किया गया है।
4. राज्य सेवाओं में एसटी, एससी का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है। एससी, एसटी वर्ग के व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े होने का डाटा प्रस्तुत करें।
5. एसटी, एससी के पिछड़ापन जानने के लिए राज्य सरकार ने क्या कोई कमेटी बनाई है।
6. क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राजभवन को भेजें।
7. आरक्षण संशोधन पर विधि एवं विधायी कार्यविभाग का अभिमत पेश करें।
8. विधेयक में ईडब्ल्यूएस का उल्लेख नहीं है। क्या शासन को ईडब्ल्यूएस के लिए संविधान के अनुच्छेद 16 (6) के तहत पृथक से अधिनियम लाना चाहिए था।
9. यह बताएं कि राज्य सेवाओं में एसटी, एससी वर्ग के लोग क्यों चयनित नहीं हो पा रहे हैं।
10. एसटी के लिए 32, एससी का 13, ओबीसी का 27 और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण करने से 76 प्रतिशत आरक्षण हो रहा है। क्या यह आरक्षण लागू करने से प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया है। क्या इस संबंध में कोई सर्वेक्षण किया गया है।