Today Panchang, आज शरद पूर्णिमा का व्रत है। शरद पूर्णिमा का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। दरअसल, इस दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
राष्ट्रीय मिति आश्विन 24, शक संवत 1946, आश्विन, शुक्ल, चतुर्दशी, बुधवार, विक्रम संवत 2081। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 31, रबि-उल्सानी-12, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 16 अक्टूबर सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। चतुर्दशी तिथि रात्रि 08 बजकर 41 मिनट तक उपरांत पूर्णिमा तिथि का आरंभ।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र सायं 07 बजकर 18 मिनट तक उपरांत रेवती नक्षत्र का आरंभ। ध्रुव योग पूर्वाह्न 10 बजकर 09 मिनट तक उपरांत व्याघात योग का आरंभ। गर करण पूर्वाह्न 10 बजकर 31 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात मीन राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार शरद पूर्णिमा व्रत, कोजागर व्रत (लक्ष्मी इन्द्र पूजा), वाराह चतुर्दशी, मेला शाकम्भरी देवी (देवबन), महारास पूर्णिमा (ब्रजभूमि)।
सूर्योदय का समय 16 अक्टूबर 2024 : सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 16 अक्टूबर 2024 : शाम में 5 बजकर 50 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर 2024 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 42 मिनट से 5 बजकर 32 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से 2 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 11 बजकर 42 मिनट से से 12 बजकर 32 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 50 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट तक। अमृत काल सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर 2024 :
राहुकाल दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। वहीं, सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक। पंचक काल पूरे दिन रहने वाला है। भद्राकाल का समय रात में 8 बजकर 40 मिनट से 6 बजकर 23 मिनट तक।