अनमोल तिवारी, रायपुर | प्राकृतिक सौंदर्य,खनिज संपदा,गौरवशाली इतिहास व संस्कृति से समृद्ध प्रदेश झारखंड अपना 22वां स्थापना दिवस मना रहा हैं।झारखंड एक वन प्रदेश है। उसके नाम में ही उस राज्य का पूरा स्वरुप दिखायी देता हैं जैसे झारखंड यानी ‘झार’ या ‘झाड़’ जिसे हम वन भी कह सकते है और ‘खण्ड’ यानी टुकड़े से मिलकर बना हुआ यानि झारखंड।
15 नवंबर वर्ष 2000 को राज्य बिहार से अलग हो जल,जंगल और जमीन का प्रदेश बना झारखण्ड। प्राकृतिक संपदाओं से लिप्त ये प्रदेश देश के विकास में अहम हिस्सा रखता हैं।झारखंड राज्य में कुल 24 जिले हैं और राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 79,716 वर्ग किलोमीटर है।क्षेत्रफल के आधार पर देश का 15वां सबसे बड़ा राज्य है।झारखंड के अद्भुत झरने, पहाड़ी, वन्य जीव, अभ्यारण, दामोदर नदी पर पंचेत बांध और पवित्र स्थान जैसे बैद्यनाथधाम, पारसनाथ, रजरप्पा जैसे क्षेत्र राज्य के पर्यटक आकर्षण के लिए जाने जाते हैं।खनिज पदार्थ तो यहां की आबो हवा में बस्ती हैं।यहां का पदार्थ दुनियाभर में मशहूर हैं।झारखंड में कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट पत्थर, चांदी और डोलोमाइट जैसे मिनरल सोर्स मौजूद हैं।
राज्य के आदिवासी प्रदेश की गौरव और शान हैं।आज़ादी के वक़्त अंग्रेज़ो के दांत खट्टे कर देने वाले और देश की स्वतंत्रता में अभूतपूर्व योगदान देने वाले भगवान बिरसा मुंडा की धरती है झारखंड।केंद्र सरकार ने पिछले साल 15 नवंबर को आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। पंद्रह नवंबर बिरसा मुंडा की जयंती है, जिन्हें देश भर के आदिवासी समुदाय के लोग भगवान का रूप मानते।ऐसे जननायक का जन्म झारखंड में हुआ था, ये यहां के लोगों की गर्व की बात हैं।महान स्वंतंत्रता सेनानी सिद्धू कान्हू की यह धरती प्रकृति के गोद मे बसा हैं।
एक ऐसा राज्य जिसे भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त हैं।राज्य के देवघर में अत्यन्त पवित्र और भव्य शिव मन्दिर स्थित है। बाबा वैधनाथ नाम से प्रसिद्ध यह जगह एक सिद्धपीठ हैं।हर वर्ष महीने में स्रावण मेला लगता है जिसमें लाखों श्रद्धालु “बोल-बम!” “बोल-बम!” का जयकारा लगाते हुए बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। ये सभी श्रद्धालु सुल्तानगंज से पवित्र गंगा का जल लेकर लगभग सौ किलोमीटर की अत्यन्त कठिन पैदल यात्रा कर बाबा को जल चढाते हैं।राजनीतिक अस्थिरता होने के कारण यह प्रदेश आज भी देश मे पिछड़ा हुआ हैं।यहां बेरोज़गारी और भुखमरी बड़ी समस्या रही हैं।बड़ी मात्रा में संपदा होने के बावजूद यहां के लोग प्रवास करने के लिए मजबूर हैं।प्रदेश में सही दिशा में कदम उठाने की जरूरत हैं जिससे विकास हो सकें और यहां के लोग संसाधन का सही उपयोग कर आगे बढ़ सकें।