नोएडा। साइबर क्राइम खिलाफ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह के 12 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिनके तार सीधे दिल्ली-एनसीआर से भी जुड़ हुए हैं। पुलिस के मुताबिक फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड सबसे अधिक इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर में हुआ है। यह फर्जी आधार कार्ड एवं पैन कार्ड का इस्तेमाल फर्जी कंपनी खोलने से लेकर सिम कार्ड एक्टिवेट कराने और बैंक खाता खोलने के लिए अपराधियों द्वारा किया जाता था।
त्रिवेणी सिंह(एसपी, साइबर क्राइम) ने बताया कि हाल ही में उनकी टीम ने वाराणसी, लखनऊ, गौतमबुद्धनगर और बिहार से फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि आरोपियों ने देशभर में कई लोगों को नकली पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाने की फ्रेंचाइजी तक बांट रखी थी। इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह आरोपी कितने बेखौफ होकर फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं।
आरोपियों से मिले जानकारी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर समेत कई अन्य इलाकों में साइबर पुलिस की जांच कर रही है। इस गिरोह के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 6 वेबसाइट के बारे में पुलिस पता लग चुकी है मगर पुलिस के अनुसार इस ग्रहण के पास लगभग 50 से भी अधिक ऐसी वेबसाइट है जिसका इस्तेमाल में फर्जी वाले को अंजाम देने के लिए करते हैं। आपको बता दें कि नोएडा में हाल ही में पुलिस ने 45 लाख दादी के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया था जिसके पास एक ही व्यक्ति की 5 आधार कार्ड थे ।
पैसे देते थे वारदात को अंजाम
आरोपी डोमेन सर्विस प्रोवाइडर से एक डोमेन खरीदकर वेबसाइट बना देते थे। यह एक यूजर बेस वेबसाइट होती है, जिसमें ये किसी भी व्यक्ति का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी डालकर यूजर आईडी बना लेते हैं। आईडी के बाद वेबसाइट में आधार कार्ड, पैनकार्ड और अन्य डिजिटल गजट बनाने के लिए दो तरह की प्रोग्रामिंग मिलती है। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन फिंगर प्रिंट की से या मैनुअल स्वयं डेटा भरकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और डिजिटल गजट बना सकता है।
कैसे करें बचाव
अपना पैन कार्ड की जानकारी हर जगह डालने से बचें। जानकारी देने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता को चेक करें। ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और आधार कार्ड जैसे अन्य आईडी विवरणों का इस्तेमाल करें, जो कम असुरक्षित हैं।
केवल प्रामाणिक लोगों या संस्थानों को पैन की फोटोकॉपी जमा करें। साथ ही इन फोटोकॉपी पर तारीख के साथ हस्ताक्षर अवश्य करें।
ऑनलाइन पोर्टल्स पर अपना पूरा नाम और जन्म तिथि दर्ज करने से बचें क्योंकि इनका इस्तेमाल पैनकार्ड को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है।