रायपुर। पेट्रोल-डीजल के दाम 10 रुपए लीटर तक घटाए जा सकते हैं। इसकी वजह एक साल में कच्चे तेल के दाम 15% की गिरावट है। 10 जुलाई को तो कच्चा तेल 35% तक सस्ता हो गया था, लेकिन इस बीच पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई कमी नहीं आई। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आखिरी बार अप्रैल 2022 में पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए थे।
अभी देश के ज्यादातर हिस्से में पेट्रोल 100 रुपए और डीजल 90 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। इस बीच पेट्रोलियम की रिटेल बिजनेस करने वाली तीन सरकारी कंपनियां इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL)का मुनाफा करीब 3 गुना हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ये कंपनियां अभी प्रति लीटर करीब 10 रुपए की कमाई कर रही हैं।
क्रिसिल ने कहा- इस साल 1 लाख करोड़ का मुनाफा कमाएंगी IOCL, HPCL, BPCL
शुक्रवार को आए नतीजों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में इंडियन ऑयल ने 13,750 रुपए का मुनाफा कमाया। बीते साल इन्हीं 3 महीनों में 1,992 करोड़ का घाटा हुआ था।
- IOCL, BPCL और HPCL का मुनाफा 2023-24 में 1 लाख करोड़ से ऊपर निकलेगा।
- 2017 से 2022 के बीच इन कंपनियों ने सालाना 60 हजार करोड़ का औसत मुनाफा कमाया था।
- इनका कुल मुनाफा 2022-23 के 33,000 करोड़ रुपए से तीन गुना हो जाने का अनुमान है।
कंपनियों के पास पेट्रोलियम के दाम 10 रुपए घटाने की गुंजाइश – ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल पर फिलहाल करीब 10 रुपए प्रति लीटर कमाई कर रही हैं। इस लिहाज से देखें तो उनके पास इनकी कीमतें कम करने की पर्याप्त गुंजाइश है। ऐसा करने पर अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
भारत में कैसे तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया।
अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।