पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में आज फिर कहा कि जो शराब पीएगा वो मरेगा और उन्हें मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है। उन्होंने कहा कि शराब पीनेवालों से किसी को कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। वहीं, विधानसभा में आज भी विपक्षी दल ने जमकर हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगति करनी पड़ी। बीजेपी के विधायकों ने राजभवन तक मार्च किया।
नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा-‘शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता… इसलिए यह बातें सही नहीं है। जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते थे।’
वहीं जहरीली शराब मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया है। मरनेवालों का आंकड़ा 50 पहुंच गया है। छपरा में बृहस्पतिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दौरान सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले 48 घंटे में जिले भर में सघन छापेमारी की है और 126 व्यक्तियों को पकड़ा है। चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त भी की गई है।’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद एसपी संतोष कुमार ने यह बताने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में क्या वे लोग शामिल हैं जो ताजा जहरीली शराब के मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ‘मामले की जांच अभी भी चल रही है और इस स्तर पर ज्यादा खुलासा करने से मामले की जांच में बाधा आ सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ दोष संबंधित अधिकारियों पर भी है और इसलिए मशरक पुलिस थाने के प्रभारी और स्थानीय चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि मढ़ौरा के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी के स्थानांतरण की सिफारिश प्राधिकारियों से की गई है और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा, ‘त्वरित जांच के लिए, एक अतिरिक्त एसपी की अध्यक्षता में 31 पुलिस अधिकारियों और तीन डिप्टी एसपी वाली एक एसआईटी भी गठित की गई है।’ जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने लोगों से अपील की कि वे बिना किसी डर के जानकारी के साथ आगे आएं।