फिरोजपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में फ़िरोज़पुर अदालत ने 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। बता दें कि, करीब तीन साल पहले 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री मोदी के काफिला फिरोजपुर के पास एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया था। इस वजह से प्रधानमंत्री का काफिला करीब एक घंटे तक वहीं रुका रहा था, जिससे उनकी सुरक्षा पर गंभीर खतरा खड़ा हो गया था। इस घटना की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति और सुरक्षा के मुद्दों पर काफी विवाद खड़ा हुआ था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले में फिरोजपुर के सेशन जज वीरेन्दर अग्रवाल ने 3 जनवरी 2025 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत ने यह आदेश उस एफआईआर के आधार पर दिया, जो 6 जनवरी 2022 को इस घटना के संबंध में दर्ज की गई थी। शुरुआत में यह एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी, लेकिन विशेष जाँच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जाँच के बाद 25 किसानों की पहचान की गई। इन किसानों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (सरकारी काम में बाधा), 149 (गैरकानूनी सभा) और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
क्या हुआ था उस दिन?
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी 5 जनवरी 2022 को हुसैनीवाला में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जा रहे थे। इसके साथ ही उन्हें पीजीआई फिरोजपुर के सैटेलाइट सेंटर का शिलान्यास भी करना था। लेकिन खराब मौसम और रैली में अपेक्षित भीड़ न होने के कारण उन्होंने हेलीकॉप्टर से यात्रा करने के बजाय सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। जब प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर पहुँचा, तो भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) और क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के प्रदर्शनकारियों ने सड़क को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया। इस अवरोध के कारण प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी और उन्हें बठिंडा एयरपोर्ट लौटकर दिल्ली जाना पड़ा।
इस घटना के बाद सुरक्षा चूक को लेकर भारी विवाद हुआ। केंद्र सरकार ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा के प्रति गंभीर लापरवाही करार दिया। इस मामले की जाँच के लिए पंजाब पुलिस की एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया। इस एसआईटी की अगुवाई फिरोजपुर के एसपी (इन्वेस्टिगेशन) कर रहे हैं। जाँच के दौरान कुल 26 लोगों की पहचान हुई थी, जिनमें से एक आरोपित, मेजर सिंह की मौत हो चुकी है। अब कुल 25 किसानों को इस मामले में आरोपित बनाया गया है।
अदालत ने पाया कि आरोपित कई बार समन और वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और फिरोजपुर के कुलगढ़ी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निर्देश दिया कि वह आरोपितों को गिरफ्तार कर 22 जनवरी तक अदालत में पेश करें। इस मामले में मुख्य आरोपित किसानों में से एक कमलजीत सिंह ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इस प्रकार की चूक बेहद गंभीर मामला है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जा सकती।