नई दिल्ली। केंद्र सरकार के राहत वाले आंकड़े सामने आए हैं। इसके अनुसार देश में चालू रबी सीजन (2024-25) में फसलों की बुआई बढ़कर 632 लाख हेक्टेयर के पार पहुंच गई है। 14 जनवरी तक रबी फसलों का क्षेत्र 632 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है जो पिछले साल की समान अवधि के 631.44 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई 1.38 फीसदी बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 315.63 लाख हेक्टेयर थी। इस साल गेहूं की बुवाई का क्षेत्र देश में गेहूं के सामान्य क्षेत्र 312.35 लाख हेक्टेयर से भी अधिक हो गया है। बाजार में गेहूं की ऊंची कीमतों और एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ-साथ कई राज्य सरकारों द्वारा बोनस दिए जाने से गेहूं की खेती को बढ़ावा मिला है।
वहीं, दलहन की बुवाई का क्षेत्र 139.81 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले सीजन के 139.11 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। दालों में सबसे ज्यादा रकबा चना का है, जो 96.65 लाख हेक्टेयर में बोया गया। मसूर की बुवाई 17.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जो पिछले साल के 17.76 लाख हेक्टेयर से कम है। जबकि उड़द का क्षेत्र 5.02 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.95 लाख हेक्टेयर रह गया है। मूंग की बुवाई पिछले सीजन के 0.99 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 1.14 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में खाद्यान्न उत्पादन के लिए यह अच्छा संकेत है। दालों की बुआई के क्षेत्र में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है और अभी भी यह दलहन के सामान्य क्षेत्र 140.44 लाख हेक्टेयर से कम है। मोटे अनाजों व श्री अन्ना की बुवाई 53.55 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो लगभग पिछले साल के स्तर पर है। मोटे अनाजों में किसानों का रुझान स्थिर बना हुआ है। जबकि मोटे अनाजों का उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का काफी जोर है।
तिलहन की बुवाई के क्षेत्र में गिरावट देखी गई, जो पिछले साल की समान अवधि के 101.80 लाख हेक्टेयर से घटकर 96.82 लाख हेक्टेयर रह गया है। सरसों की बुवाई 88.50 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि एक साल पहले सरसों का रकबा 93.73 लाख हेक्टेयर था। तिलहन की बुवाई में गिरावट से खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों को झटका लगेगा। सरसों और सोयाबीन जैसी तिलहन फसलें एमएसपी से नीचे बिकने के कारण किसानों का रुझान तिलहन से घटा है।
अप्रैल में कटाई होने की उम्मीद
अधिकांश रबी फसलों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और अप्रैल में कटाई शुरू होने की उम्मीद है। यह आंकड़ें विभिन्न फसलों में मिश्रित प्रदर्शन को दर्शाता है, जिसमें गेहूं में बढ़ोतरी और दालों व मोटे अनाजों में स्थिरता है, लेकिन तिलहन के रकबे में गिरावट आई है।