रायपुर। बुधवार को ईडी ने महादेव सट्टा एप मामले से जुड़े शेयर ब्रोकर गोविंद केडिया को गिरफ्तार कर करीबन 160 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है। एप के प्रमोटर विकास छापरिया के करीबी केडिया के द्वारा स्टाक पोर्टफोलियो फर्म का संचालन करने के जानकारी मिलने पर कार्रवाई की गई थी। जांच के दौरान सट्टा से अर्जित रकम को परफेक्ट प्लान इंवेस्टमेंट एक्सिम जनरल ट्रेडिंग और टेक प्रो- आइटी साल्यूशन जैसी कंपनियों के माध्यम से निवेश करने की जानकारी मिली है। कोलकाता से गिरफ्तार आरोपित केडिया को पांच दिन की रिमांड के बाद आज बुधवार को कोर्ट पेश किया जाएगा।
सट्टे की कमाई को शेयर में लगाता था आरोपित
जांच में पता चला है कि, विकास छपरिया के कहने पर गोविंद केडिया सट्टे की कमाई को शेयर बाजार में निवेश करता था। इन निवेशों से होने वाले लाभ और हानि को कथित तौर पर 75:25 के अनुपात में बांटा गया था। इसमें गोविंद केडिया ने कुल निवेश के केवल 25 प्रतिशत पर ब्याज लिया था। 2023 में ईडी ने गोविंद केडिया के ठिकानों पर छापेमारी कर 18 लाख रुपये नकदी और 13 करोड़ के सोने के गहने जब्त हुए थे।
गोविंद केडिया की अहम कड़ी
बता दें कि, गोविंद केडिया का नाम टेकप्रो आइटी साल्यूशंस लिमिटेड के शेयर होल्डर नितिन टिबरेवाल से जुड़ा हुआ है। नितिन टिबरेवाल पर महादेव आनलाइन बुक सिंडिकेट के लिए कंपनी का इस्तेमाल करने का आरोप है। ईडी का दावा है कि टिबरेवाल ने अवैध सट्टेबाजी संचालन से होने वाली आय को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से शेयर बाजार में लगाया, जिससे शेयर ट्रेडिंग के माध्यम से करोड़ों के काले धन को सफेद किया गया। इस पूरे खेल में गोविंद केडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
साझेदारी की फर्म
जांच के दौरान ईडी ने विकास की कंपनियों की 236.30 करोड़ रुपये नकदी डेरिवेटिव और सुरक्षा होल्डिंग्स को फ्रीज कर चुकी है। वहीं गोविंद केडिया, की सेल कंपनी मेसर्स लैक्सिस रेजीडेंसी एलएलपी विकास छपरिया की पार्टनरशिप फर्म और एक अन्य महादेव सट्टा एप के आरोपित नितिन टिबरेवाल से जुड़ी थी।
केडिया ने सट्टा एप से जुड़े लोगों के लिए खरीदे शेयर्स
सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि, कोलकाता में रहने वाले शेयर ब्रोकर गौरव महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों के लिए काम करता था। वो एक ही बार में करोड़ों के शेयर खरीदता था। इस मामले में जेल में बंद आरोपित नितिन टिबरेवाल के लिए उसने सबसे ज्यादा खरीदी की। नितिन एप प्रमुख सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के करीबियों में से एक है। नितिन उनके पैसों को आनलाइन ठिकाने लगाता था। गौरव इन सभी के लिए शेयर खरीदता- बेचता था। सट्टे से जो फायदा होता, उसे शेयर बाजार में लगाकर वाइट किया जाता। इसके बदले उसे मोटा हिस्सा भी मिलता था। गौरव ने सट्टा एप मामले में ही आरोपित हरिशंकर टिबरेवाल से संबंधित मारीशस स्थित कंपनी मेसर्स टानो इन्वेस्टमेंट अपार्चुनिटीज में एफपीआइ और एफडीआइ में सबसे ज्यादा निवेश किया। हरिशंकर फरार है। उसकी तलाश में एजेंसी की टीमें लगी हुई हैं।