Indian Railway: इस साल 1 अप्रैल से देशभर में पटरियों पर कम से कम 2,650 मवेशियों की मौत हो चुकी है. यही कारण है कि अब रेलवे ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में पटरियों के साथ फेंसिंग करने का फैसला लिया है. इसमें से अधिकांश प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य रेलवे के तहत उत्तर प्रदेश में हैं, जहां साल दर साल सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.
अक्टूबर के पहले नौ दिनों में पटरियों पर मवेशियों के हिट होने से 200 ट्रेनें प्रभावित हुईं. उनमें नई लॉन्च की गई सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (16 नवंबर) को कहा कि अगले पांच या छह महीनों में रेलवे पटरियों के किनारे लगभग 1,000 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा हम बाउंड्री वॉल बनाने के मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. हम दो अलग-अलग डिजाइन देख रहे हैं और हमने एक को मंजूरी दे दी है, जो एक मजबूत दीवार है.
कहां-कहां होगा निर्माण?
चारदीवारी के निर्माण के लिए पहचाने गए हिस्सों में उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के खंड शामिल हैं – झांसी मंडल (वीरांगना लक्ष्मीबाई-ग्वालियर खंड); प्रयागराज मंडल (पंडित दीन दयाल उपाध्याय-प्रयागराज खंड), मुरादाबाद मंडल (आलम नगर से शाहजहाँपुर), और लखनऊ मंडल (आलम नगर से लखनऊ).