National Press Day 2022: आज देश राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day 2022) मना रहा है. प्रेस दिवस जिम्मेदार मीडिया की मौजूदगी के रूप में मनाया जाता है. यह हर साल 16 नवंबर यानी आज के दिन मनाया जाता है. इसी दिन प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने नैतिक प्रहरी के रूप में काम करना शुरू किया था ताकि प्रेस के उच्च मानकों को बनाए रखा जा सके और यह किसी प्रभाव या खतरे से बंधी न रहे.
दरअसल, चार जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी, जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया था. तब से लेकर आज तक, हर साल 16 नवंबर की तारीख ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाई जाती है. लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रेस की स्वतंत्रता सबसे ज्यादा जरूरी है, इसी बात को याद दिलाने और लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए प्रेस दिवस मनाया जाता है.
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया का महत्व:
परिषद भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका निर्माण लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी स्वतंत्र प्रेस की रक्षा के लिए हुआ था, इसलिए, ये सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करता है कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता से समझौता नहीं किया गया है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र बाजार
16 नवंबर देश में एक जिम्मेदार और स्वतंत्र प्रेस का प्रतीक है. आज के दिन पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने और इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन किया जाता है.भारत में 500 से अधिक सैटेलाइट चैनल और 70,000 न्यूज पेपर हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा समाचार पत्र बाजार है जिसकी प्रतिदिन 100 मिलियन से अधिक प्रतियां बिकती हैं .
इतिहास
साल 1956 में, पहली प्रेस आयोग ने वैधानिक अथॉरिटी के साथ एक नई बॉडी बनाने का फैसला लिया, जिसके पास जर्नालिज्म के एथिक्स को बनाए रखने की जिम्मेदारी है . आयोग ने महसूस किया कि प्रेस के लोगों से जुड़ने के लिए और उत्पन्न होने वाले किसी भी मुद्दे पर आरबर्ट्रेट करने के लिए एक मेनेजिंग बॉडी की आवश्यकता थी.1780 में हिक्की बंगाल गजट, पहला भारतीय समाचार पत्र था.
16 नवंबर 1966 को पीसीआई का गठन किया गया.भारत का राष्ट्रीय प्रेस दिवस तब से हर साल 16 नवंबर को परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में सैलिब्रेट किया जाता है.
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, परिषद की अध्यक्षता पारंपरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज और 28 अतिरिक्त सदस्य करते हैं, जिनमें से 20 भारत में संचालित मीडिया आउटलेट्स के सदस्य हैं. पांच सदस्यों को संसद के सदनों से नामित किया जाता है और बचे तीन सांस्कृतिक, कानूनी और साहित्यिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.