रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नए डीजीपी के लिए तीन नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग याने यूपीएससी को भेज दिया है। इनमें 92 बैच के आईपीएस पवनदेव और अरुणदेव गौतम तथा 94 बैच के आईपीएस हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। हालांकि, नोटशीट में पांच नाम थे। आईपीएस एसआरपी कल्लूरी और आईपीएस प्रदीप गुप्ता का नाम भी प्रस्तावित था। मगर बाद में तीन नामों का पेनल फायनल किया गया।
डीजीपी के लिए प्रमुख अहर्ता है आईपीएस की 30 साल की सर्विस होनी चाहिए। वो भी डीजीपी के रिटायरमेंट डेट के हिसाब से। अशोक जुनेजा 5 फरवरी 2025 को रिटायर हो रहे हैं। जुनेजा के बाद सीनियरिटी में 92 बैच के पवनदेव बैच में सबसे सीनियर हैं फिर अरूणदेव गौतम। इसके बाद 94 बैच में हिमांशु गुप्ता, जीपी सिंह और एसआरपी कल्लूरी हैं। इनमें से जीपी सिंह की सेवा समाप्त हो गई है। 95 बैच के आईपीएस प्रदीप गुप्ता की भी अगले महीने जनवरी में 30 साल की सेवा हो जाएगी। याने प्रदीप तक पेनल में शामिल होने के लिए एलिजिबल हो गए हैं। मगर राज्य सरकार को अधिकार है कि पेनल में किसका नाम भेजना है किसका नहीं।
यूपीएससी को पैनल बढ़ाने या लौटाने का अधिकार
हालांकि, यूपीएससी अगर पेनल के नामों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसके पास अधिकार है कि ग्रेडेशन लिस्ट के अनुसार 30 की साल की सर्विस वाले और अफसरों का नाम जोड़ ले या फिर पेनल राज्य सरकार को लौटा दे कि फिर से बनाकर भेजें। हालांकि, छत्तीसगढ़ के मामले में इसकी आशंका इसलिए नहीं है कि पेनल में डीजीपी बनने लायक योग्यता रखने वाले नाम हैं। यूपीएससी की आपत्ति की आशंका तब ज्यादा होती है जब पेनल में सीनियर अफसरों को ओवरलुक करते हुए जूनियर अफसरों के नाम जोड़ दिए जाते हैं।
यूपीएससी में अब डीपीसी होगी
राज्य सरकार द्वारा यूपीएससी को नामों का पेनल भेजने के बाद अब डीपीसी की डेट तय की जाएगी। डीपीसी में ही डीजीपी का पेनल फायनल किया जाता है। डीपीसी अफसरों की पूरी कुंडली देखने के बाद पेनल तैयार करती है।
कौन होते हैं डीपीसी में
डीजीपी का पेनल फायनल करने के लिए यूपीएससी की डीपीसी होती है। इसमें यूपीएससी चेयरमैन खासतौर से मौजूद रहते हैं। किसी विषम परिस्थितियों की वजह से वे नहीं आ पाए तो उनके बदले में यूपीएससी का कोई मेम्बर शामिल होता है। इसके अलावा भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम का कोई नामिनी, मसलन ज्वाइंट सिकरेट्री लेवल का कोई अफसर। संबंधित राज्य के चीफ सिकरेट्री, एसीएस होम और वर्तमान डीजीपी। केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के कोई डीजीपी रैंक का अफसर भी कमेटी में शामिल रहता है। ये सभी मिलकर गुण-दोष के आधार पर पेनल तैयार करते हैं।
यूपीएससी से एमएचए
यूपीएससी से पेनल फायनल होने के बाद फिर अनुमोदन के लिए फाइल मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर को भेजी जाती है। एमएचए फिर राज्य सरकार को पेनल भेजता है। इस पेनल में से राज्य सरकार को यह अधिकार होता है कि अपनी पसंद के अनुसार किसी एक नाम पर टिक लगाते हुए डीजीपी अपाइंट कर दे।
5 फरवरी से पहले फायनल
पूरी प्रक्रिया 5 फरवरी से पहले करनी होगी। चूकि डीपीसी से लेकर एमएचए तक के प्रॉसेज में टाईम लगता है इसलिए यूपीएससी तीन महीने पहले पेनल मंगाता है। मगर छत्तीसगढ़ से पेनल जाने में विलंब हो गया है। तीन महीने के हिसाब से 5 नवंबर तक पेनल चला जाना था। करीब एक महीने की इसमें देरी हो चुकी है। इसके लिए यूपीएससी से लेकर एमएचए तक को प्रायरिटी से इस पर काम करना होगा। क्योंकि, 5 फरवरी से पहले राज्य सरकार को तय करना होगा कि यूपीएसस से आए पेनल में से किसे नया डीजीपी बनाना है।
5 फरवरी 2025 को डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल खतम हो जाएगा। सीएम विष्णुदेव साय को इससे पहले नए डीजीपी के नाम की घोषणा करनी होगी। याने 5 फरवरी की शाम तक छत्तीसगढ़ पुलिस के नए मुखिया का आदेश निकल जाएगा।\