धर्म , वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 05 दिसंबर को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जा रही है। साधक अपने घर पर भी भगवान गणेश की पूजा-भक्ति कर रहे हैं। साथ ही विनायक चतुर्थी का व्रत भी रखा जा रहा है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर होती है। विनायक चतुर्थी पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से आय में वृद्धि होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
अगहन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 दिसंबर को देर रात 01 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई है। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन आज यानी 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह पंचमी मनाई जाती है। अत: 06 दिसंबर को विवाह पंचमी है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जा रही है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो अगहन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वृद्धि और ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक है। इसके बाद ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।
आज का पंचांग
सूर्योदय – सुबह 07 बजे…
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 24 मिनट पर
चंद्रोदय- सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 09 बजकर 07 मिनट पर
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 11 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
अशुभ समयराहुकाल – दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 36 मिनट से 10 बजकर 54 मिनट तक
दिशा शूल – दक्षिण
ताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन
भगवान गणेश के मंत्र
1. ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
2. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
3. ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥
4. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
5. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।