अविनाश दुबे,रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश की कृष्णनगरी मथुरा पहुंच रहे हैं। PM मथुरा में आयोजित मीराबाई जन्मोत्सव समारोह में शामिल होंगे। राजस्थान चुनाव के लिए आज प्रचार का भी अंतिम दिन है। मथुरा का राजस्थान से सटे होने के कारण राजनीतिक दृष्टि से भी इस कार्यक्रम को बेहद खास माना जा रहा है।
प्रतीकों के सहारे जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की जो रणनीति पिछले कुछ महीनों में नजर आई है, पीएम मोदी का मीराबाई जयंती में शामिल होना भी उसी रणनीति का हिस्सा हैं।पीएम मोदी का मथुरा दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि ये जिस ब्रज क्षेत्र में आता है, राजस्थान के कुछ इलाके भी उसमें आते हैं। ब्रज की चौरासी कोस परिक्रमा का मार्ग भी राजस्थान के भरतपुर जिले से गुजरता है। राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिलों में ब्रजभाषा बोली जाती है और इन इलाकों के लोगों का ब्रज से भावनात्मक जुड़ाव है। एक तो ब्रज और दूसरे मीराबाई, बीजेपी की रणनीति एक आयोजन से पूरे राजस्थान, खासकर मेवाड़ साधने की है। यानी एक तीर से बीजेपी की रणनीति ब्रज, मेवाड़ और हिंदुत्व की सियासत साधने की है।
राजस्थान चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन पीएम मोदी का भगवान कृष्ण की नगरी में होना महज संयोग है या कोई प्रयोग? सवाल ये भी उठ रहे हैं. इसकी वजह ये भी है कि हाल ही में 17 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मतदान हुआ। इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पीएम मोदी झारखंड के खूंटी जिले में स्थित बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु पहुंचे थे। दोनों ही राज्यों में आदिवासी आबादी प्रभावी है और बिरसा मुंडा को आदिवासी समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त है। अब जब राजस्थान के लिए प्रचार थमने को है तब पीएम मोदी ब्रज में होंगे और मीराबाई के जन्मोत्सव में शामिल हो रहे होंगे। कहा तो ये भी जा रहा है कि पीएम मोदी की रणनीति धर्म-समुदाय के प्रतीकों के सहारे वोटों का गणित साधने की हैं।
मथुरा में मीरा राग से बीजेपी राजस्थान की सियासत को कितना साध पाती है, ये तो तीन दिसंबर की तारीख ही बताएगी।