देश में इन दिनों G20 नाम की चर्चा खूब हो रही है। G20 सम्मेलन होता क्या है? G20 का कार्य क्या होता है? G20 सम्मेलन में भारत की क्या भूमिका है? G20 देश के आम नागरिकों के लिए क्यों मायने रखता है? ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब देश का हरेक नागरिक तलाश रहा है। दरसअल G20 का मतलब होता है ग्रुप ऑफ 20। G20 बीस देशों का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है। इस समूह का हर साल एक सम्मेलन आयोजित होता है,जिसमें समूह में शामिल हरेक देश के राष्ट्राध्यकक्ष एक मंच पर आकर सार्थक चर्चा करते है। G20 के मंच से प्रमुख तौर पर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती और सहयोग प्रदान करने के लिए बड़े निर्णय लिए जाते है। G20 में अर्जेंटीना,ऑस्ट्रेलिया,ब्राजील,कनाडा,चीन,फ्रांस,जर्मनी,भारत,इंडोनेशिया,इटली जापान,मेक्सिको,रूस,सऊदी अरब,दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया,तुर्की,यूनाइटेड किंगडम,संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपियन यूनियन देश शामिल हैं।
G20 का इतिहास
वर्ष 1999 में इस समूह की स्थापना हुई थी। सात देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने मिलकर G20 समूह बनाने का निर्णय लिया था। इन देशों में कनाडा,फ्रांस,जर्मनी,इटली,जापान,यूके, यूएस शामिल हैं। इसके पीछे का कारण वर्ष 1997-98 के बीच उत्पन्न हुई आर्थिक तंगी जिससे विश्व भर की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। 1999 में जर्मनी के बर्लिन में पहली बार G20 सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें सभी देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल हुए थे। वर्ष 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया था। इसके बाद इस संगठन में भी बदलाव हुए और जो संगठन वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का हुआ करता था उसे देश के शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया। और पहली बार 2008 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में G20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक आयोजित हुई।
G20 में भारत की अध्यक्षता
इस वक़्त दुनिया की नज़र भारत पर टिकी हुई है क्योंकि हाल ही में इंडोनेशिया के बाली में हुए G20 शिखर सम्मेलन में भारत को इसकी अध्यक्षता सौंपी गई है। हर एक साल में अध्यक्षता दूसरें देश को सौंप दी जाती है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा। भारत में इसका थीम “वसुधैव कुटुम्बकम” रखा गया है। इसका संदेश है कि पूरा विश्व एक परिवार है। भारत की G20 प्राथमिकताओं में समावेशी, न्यायसंगत और सतत विकास, महिला सशक्तिकरण, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ,भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई,कृषि,रोजगार,डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, और तकनीक-सक्षम विकास, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे विषय मुख्य रूप से शामिल हैं।
G20 भारत के लिए क्यों है महत्वपूर्ण ?
ख़ास बात यह है कि भारत ऐसे समय में G20 की अध्यक्षता कर रहा है जब रूस-यूक्रेन वॉर से उतपन्न हुई आर्थिक संकट पूरी दुनिया झेल रही है। दुनिया में महंगाई अपने चरम पर है। G20 में ही शामिल चीन जैसे पड़ोसी देश से सीमा पर तनातनी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में इस विश्वस्तरीय मंच से भारत को समस्याओं के समाधान तलाशने होंगे और शांति के लिए सेतुओं का निर्माण करना होगा। जी 20 सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक,फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग जैसे दुनिया के बड़े नेता हिस्सा ले रहें हैं। प्रधानमंत्री मोदी कई व्यापार समझौतों को लेकर इन नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। मुख्य उद्देश्य विश्व में आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना और मतभेदों को मिटाना है।
मालूम हो कि G20 में शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की जीडीपी का 80 फीसदी है। दुनिया की 60 फीसदी आबादी इन्हीं 20 देशों में रहती हैं। इस लिहाज़ से भारत का नेतृत्व G20 में काफी महत्वपूर्ण है।