ज्ञानवापी मामले में आज बड़े फैसले का दिन है। सबकी निगाहें वाराणसी की ज़िला अदालत पर लगी हैं। अदालत आज हिंदू पक्ष की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। ज्ञानवापी मामले में आज विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह बिसेन की ओर से डाली गई याचिका पर फैसला आ सकता है। इस याचिका में चार प्वाइंट उठाए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि आदि विश्वेश्वर के नियमित भोजन की व्यवस्था की जाए, क्योंकि शिवलिंग प्रकट हुआ है, इसलिए वो स्थान पूरी तरह से हिंदुओं को सौंप दिया जाए। साथ ही गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित कर दिया जाए और मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटा दिया जाए।
फास्ट ट्रैक कोर्ट सिविल जज सीनियर डिविजन इस याचिका पर फैसला सुना सकते हैं। आज इस बात पर फैसला होगा कि ये याचिका सुनने लायक है या नहीं, क्योंकि अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने इसके खिलाफ दलीलें दी हैं। इससे पहले भी दो तारीखों पर इसमें फैसला आना था, लेकिन दोनों बार नहीं आाया। अब आज दोपहर में करीब 2:00 बजे इस पर फैसला आ सकता है।
याचिका में क्या मांग की गई है?
पहली मांग
तत्काल भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा शुरू की जाए।
दूसरी मांग
ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
तीसरी मांग
पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को दिया जाए।
चौथी मांग
मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटा दिया जाए।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। कोर्ट को आज यह तय करना है कि मामला सुनने लायक है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 11 नवंबर को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अपने पहले के आदेश को बढ़ा दिया था। वहीं, पिछली सुनवाई के दौरान वाराणसी की अदालत ने शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।