दुर्ग। भिलाई-3 के सिद्धिविनायक अस्पताल में इलाज के दौरान 10 माह के बच्चे की मौत हो गई। अब इस मामले में पुलिस ने परिजनों की शिकायत के बाद जांच में लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई करते हुए 4 डॉक्टर्स सहित 7 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार देव बलौदा निवासी महेश कुमार वर्मा ने अपने नाती शिवांश वर्मा को सर्दी-खांसी की शिकायत पर 27 अक्टूबर को सिद्धिविनायक अस्पताल लाए थे। चेकअप कराने पर डॉक्टर ने बच्चे की सांस ज्यादा चलने की बात कही और ICU में भर्ती कर ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया गया। दूसरे दिन एक्स-रे कराकर कारण बताने की बात कही गई। एक्स-रे के बाद बताया गया कि बच्चे के फेफड़े में कफ भरा है। बच्चे को भर्ती कर दवाई दी गई तो कंट्रोल हो गया। 31 अक्टूबर को डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नर्स की ओर से इंजेक्शन लगाया गया जिससे 06.40 बजे शिवांश ने दम तोड़ दिया।
इस मामले में बच्चे के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और लिपिक कर्मचारी का संयुक्त जांच दल गठित कर सीएमएचओ की ओर से विभागीय जांच करवाया गया। जांच में अस्पताल प्रबंधक के चिकित्सक अधिकारी डॉ.संमीत राज प्रसाद, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ.दुर्गा सोनी, डॉ. हरिराम यदु, डॉ. गिरीश साहू एवं पैरामेडिकल स्टाफ कुमारी विभा साहू, आरती साहू, कुमारी निर्मला यादव के द्वारा शिवांस वर्मा के इलाज में लापरवाही बरतने से मौत होना पाया गया। जांच के आधार पर इनके खिलाफ धारा 304 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। डॉक्टर्स पर एक्शन के बाद सिद्धिविनायक हॉस्पिटल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।
अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार का जुर्माना
वहीं दुर्ग जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेपी मेश्राम ने बताया नर्सिंग होम एक्ट के तहत सिद्धि विनायक अस्पताल की मान्यता रद्द कर दी है और अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।